अगर आप में भी है Self-confidence
की कमी तो अपनाइए ये 10 तरीके
बचपन से ही
स्कूल और घरों में आपसे बड़े लोग आप को यही सिखाने पर ज्यादा जोर देते होंगे कि जो
काम करो फुल कॉन्फिडेंस के साथ करो। वही काम करो जिसमे दिल लगे। साथ ही अगर आप
कहीं भी कुछ काम करने से हिचकते होंगे या नया काम शुरू करने में घबड़ाते होगे तो
लोग आप को यही कहते होंगे की सेल्फ कॉन्फिडेंस बड़ा लो बहुत सारे काम आसन हो
जाएंगे।
हर बड़ा व्यक्ति
चाहें वो किसी भी फिल्ड का हो, यदि कोई मुकाम हासिल किया होगा तो आप उसमे ये क्वालिटी निश्चित ही देखते
होंगे। चाहें वो कोई फ़िल्मी सितारा हो, कोई स्पोर्ट्स पर्सन हो, कोई वैज्ञानिक,
टीचर या फिर आप
के आस-पड़ोस का व्यक्ति हो,
आप उन सब लोगों
में वो क्वालिटी देख सकते हैं।
आत्मविश्वास एक
ऐसा गुण है जो हर किसी में होता है, किसी में कम तो किसी में ज्यादा। पर ज़रुरत इस बात की है कि अपने present level of confidence
को बढ़ा कर एक
नए और बेहतर level
तक ले जाया
जाये।
1)
Dressing sense improve कीजिये
आपके Dressing sense का सीधा असर confidence पर पड़ता है।
जब आप अपने best attire में होते हैं तो automatically आपका confidence बढ़ जाता है, इसीलिए जब भी आप कोई presentation
या interview देने जाएं तो बहुत अच्छे से तैयार हो जाएं।
दरअसल अच्छा दिखना आपको लोगों को face करने का confidence
देता है और उसके
उलट अगर आपका dress
up ख़राब होता है
तो आप बहुत conscious
रहते हैं।
2)
वो करिए
जो confident
लोग करते हैं
आपके आस-पास ऐसे
लोग ज़रूर दिखेंगे जिन्हें देखकर आपको लगता होगा कि ये व्यक्ति बहुत confident है। आप ऐसे लोगों को ध्यान से देखिये और उनकी
कुछ activities
को अपनी life में include करिए।
•
Front seat पर बैठिये .
•
Class में, seminars में, और अन्य मौके पर Questions पूछिए / Answers
दीजिये
•
अपने चलने और बैठने के ढंग पर ध्यान दीजिये
•
दबी हुई आवाज़ में मत बोलिए
•
Eye contact बनाइए और नज़रे मत चुराइए
4)
अपने achievements को याद रखिए
आपकी past achievements आपको confident feel करने में बहुत help करेंगी। ये छोटी -बड़ी कोई भी achievements हो सकती हैं। जैसे- कभी class में first आये हों, किसी subject
में school top किया हो, singing completion या sports में कोई जीत हांसिल की हो, कोई बड़ा target achieve किया हो, employee of the month रहे हों। कोई भी ऐसी चीज जो आपको अच्छा
feel
कराये। Definitely ये आपके confidence को boost करने में मदद करेगा।
5)
Visualize करिए कि आप confident हैं
आपकी प्रबल सोच हकीकत
बनने का रास्ता खोज लेती है, इसलिए आप हर रोज़ खुद को एक confident person के रूप में सोचिये। आप कोई भी कल्पना कर सकते हैं, जैसे कि आप किसी stage पर खड़े होकर हजारों लोगों के सामने कोई भाषण
दे रहे हैं,
या किसी seminar haal में कोई शानदार presentation दे रहे हैं, और सभी लोग आपसे काफी प्रभावित
हैं ,
आपकी हर
तरफ तारीफ हो रही है और लोग तालियां
बजा कर आपका अभिवादन कर रहे हैं। Albert Einstein ने भी imagination को knowledge से अधिक powerful बताया है। और आप इस power का use कर के बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं।
6)
गलतियां करने से
मत डरिए
दोस्तों कई बार
हमारे अन्दर वो सब कुछ होता है, जो हमें किसी काम को करने के लिए होना चाहिए, पर फिर भी failure
के डर से हम confidently उस काम को नहीं कर पाते। आप गलतियों के
डर से डरिये मत ,
डरना तो उन्हें
चाहिए जिनमे इस भय के कारण प्रयास करने की भी हिम्मत ना हो! आप जितने भी सफल
लोगों का इतिहास उठा कर देख लीजिये उनकी सफलता की चका-चौंध में बहुत सारी
असफलताएं भी छुपी होंगी।
7)
Low confidence के लिए अंग्रेजी
ना जानने का excuse
मत दीजिए
आज के समय में
अंग्रेजी का वर्चस्व है। मैं भी अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक मानता हूँ, पर सिर्फ इसलिए क्योंकि इसके ज्ञान से आप कई
अच्छी पुस्तकें,
ब्लॉग, etc पढ़ सकते हैं। आप एक से बढ़कर एक programs, movies, इत्यादि देख सकते हैं। पर क्या
इस भाषा का ज्ञान confident
होने के लिए
आवश्यक है,
नहीं। English जानना आपको और भी confident बना सकता है पर ये confident होने के लिए ज़रूरी नहीं है। किसी भी भाषा का
मकसद शब्दों में अपने विचारों को व्यक्त करना होता है, और अगर आप यही काम किसी और भाषा में कर सकते
हैं तो आपके लिए अंग्रेजी जानने की बाध्यता नहीं है।
8
) जो चीज आपका
आत्मविश्वास घटाती हो उसे बार-बार कीजिए
कुछ लोग किसी
ख़ास वजह से confident
नहीं feel करते हैं। जैसे कि कुछ लोगों में stage-fear होता है तो कोई opposite sex के सामने nervous हो जाता है। यदि आप भी ऐसे किसी challenge को face कर रहे हैं तो इसे beat
करिए। और beat करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो activity आपको nervous करती है उसे इतनी बार कीजिये कि वो आप ताकत
बन जाये। यकीन मानिए आपके इस प्रयास को भले ही शुरू में कुछ लोग lightly लें और शायद मज़ाक भी उडाएं पर जब आप
लगातार अपने efforts
में लगे रहेंगे
तो वही लोग एक दिन आपके लिए खड़े होकर ताली बजायेंगे।
9)
विशेष मौकों पर
विशेष तैयारी कीजिए
“सफलता के लिए आत्म-विश्वास आवश्यक है, और आत्म-विश्वास लिए तैयारी”- Arthur Ashe
जब कभी आपके
सामने खुद को prove
करने का मौका हो
तो उसका पूरा फायदा उठाइए। जैसे- आप किसी debate, quiz, dancing या singing competition में हिस्सा ले रहे हों, कोई test या exam
दे रहे हो, या आप कोई presentation दे रहे हों, या कोई program
organize कर रहे हों। ऐसे
हर एक मौके के लिए जी-जान से जुट जाइये और बस ये ensure करिए कि आपने तैयारी में कोई कमी नहीं रखी, अब result चाहे जो भी हो पर कोई आपकी preparation को लेकर आप पर उंगली ना उठा पाए।
10)
Daily अपना MIT पूरा कीजिये
MIT
यानि Most Important Task के बारे में यदि आप लिखना शुरू
कर देंगे तो निश्चित ही वो पूरा भी होना शुरू हो जाएगा। और यदि आप अपना daily का MIT पूरा करते रहेंगे तो निश्चित रूप से आपका आत्म -विश्वास कुछ ही दिनों
में बढ़ जायेगा। आप जब भी अपना MIT पूरा करें तो उसे एक छोटे success के रूप में देखें और खुद को इस काम के लिए शाबाशी दें। रोज़-रोज़ लगातार अपने important tasks को successfully पूरा करते रहना शायद अपने confidence को boost करने का सबसे कारगर तरीका है।
हीरा (DIAMOND)
हीरे या हीरे की ज्वेलरी खरीदना आसान काम नहीं है। यों तो ब्रांडेड कंपनियां गलत माल नहीं बेचतीं है लेकिन जो स्थानीय स्तर के ज्वेलर होते हैं वे असली जैसे ही नकली हीरे भी बेच लेते हैं। इसलिए हीरे की परख होनी बहुत ही जरूरी है। तभी कहते हैं कि हीरा खरीदने से पहले फोर सी यानी- कैरेट, कट, क्लैरिटी और कलर की जानकारी होनी बहुत जरूरी है। हीरा व्यापारी खुद भी इन चारों बातों को ही अपने कारोबार में पैमाना बना कर चलते हैं । कैरेट : कैरेट किसी भी रत्न के वजन को मापने की इकाई होती है। एक कैरेट दो सौ मिलीग्राम यानी एक ग्राम के पांचवें हिस्से के बराबर होता है। एक कैरेट में सौ पाइंट होते हैं। आमतौर पर पाइंटों का इस्तेमाल छोटे हीरों के वजन के लिए किया जाता है। ध्यान रखें कि कैरेट हीरे के वजन को बताता है न कि उसके घनत्व या आकार को। कट : अपने प्राकृतिक रूप में तो हीरा पारभासी स्फटिक होता है। यही वे कट होते हैं जिनकी वजह से यह चमकता है और फिर इसी से इसकी कीमत तय होती है। जिस हीरे की कटाई बहुत ही अच्छी होती है वह प्रकाश को पूरी तरह से परावर्तित करता है। इसलिए हीरे की सारी जान उसे तराशे जाने में ही होती है। जितना बढ़िया तराशा हुआ हीरा होगा, उतना ही चमकीला होगा। हीरे को तराशने से मतलब होता है उसकी कटाई से। हीरे की कटाई का काम बहुत ही बारीकी का होता है। बढ़िया तराशा हुआ हीरा शंकु आकार लिए होते है। इस हीरे के कई हिस्से होते हैं। जैसे- टेबल, गिर्डल, क्यूलेट, पैवेलियन और क्राउन। हीरे के इन सभी हिस्सों से प्रकाश इस तरह परावर्तित होता है कि टेबल जो कि हीरे का आधार होता है, सबसे ज्यादा चमकता है। टेबल हीरे का सबसे ऊपरी हिस्सा होता है। इसे आधार भी कहते हैं। यह अष्टभुज फलक होता है। गिर्डल हीरे के सबसे चौड़े भाग, जो परिधि के रूप में गोलाकार हिस्सा होता है, को कहते हैं। गिर्डल के नीचे वाला हिस्सा पवेलियन कहलाता है। गिर्डल के ऊपरी हिस्से को क्राउन कहते हैं। क्यूलेट सबसे नीचे वाले बिंदु को कहते हैं। क्लैरिटी (पारदर्शिता) : क्लैरिटी यह बताती है कि हीरे में धब्बे कितने हैं। हीरे की कीमत में यह पक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। धब्बे जितने कम होंगे हीरे की कीमत उतनी ही ज्यादा होगी। इसलिए क्लैरिटी के मामले में इसके अलग-अलग ग्रेड (स्तर) बनाए गए हैं। जो सबसे ऊंचे ग्रेड का हीरा होता है, वह सबसे महंगा और दुर्लभ माना जाता है। उसमें रत्ती भर भी दाग नहीं होता। इस ग्रेड को एफएल (फ्लॉलैस) नाम दिया गया है। इसके बाद आता है आईएफ (इंटरनली फ्लॉलैस) ग्रेड। इसका मतलब यह होता है कि हीरे के अंदर मामूली धब्बे हैं। तीसरा ग्रेड है वीवीएस1 । इसका मतलब यह है कि हीरे में धुंधलापन इतना कम होगा कि अगर आप इसे गौर से देखेंगे तभी पता चल पाएगा। अमेरिका की एक हीरा ग्रेडिंग कंपनी एजीएस के मुताबिक हीरे के आकार और इसकी पारदर्शिता में गहरा संबंध होता है। छोटे हीरे की तुलना में बड़े हीरे में धब्बे को आसानी से पहचाना जा सकता है। कलर : रत्नशास्त्र की अमेरिका की सबसे प्रामाणिक प्रयोगशाला द जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका ने रंगों के आधार भी हीरों का वर्गीकरण किया है। इसमें अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों से इन्हें बताया जाता है। जैसे डी का मतलब होता है रंगहीन। यह सर्वश्रेष्ठ हीरा माना जाता है। इसके बाद आता है जी-जे। यह रंगहीन के करीब ही होता है। इसी तरह ये जेड तक होते हैं। रंगों के आधार पर ही हीरे का एक और वर्ग होता है जेड प्लस। इसमें दुर्लभ किस्म के रंगीन हीरे आते हैं। इस श्रेणी के हीरे डी श्रेणी के हीरों से भी महंगे होते हैं। आकार : हीरे कई आकार में होते हैं। सबसे ज्यादा चलन में गोल हीरा ही रहता है। इसके अलावा ओवल, एमराल्ड, मार्किस और पीयर भी काफी पसंद किए जाते हैं। इसके अलावा प्रिंसेज, हर्ट, कुशन और रेडियंट टाइप हीरे भी ज्वेलरी में काफी इस्तेमाल होते हैं। प्रमाणपत्र : हालांकि यह फोर सी ( कैरेट, कट, क्लैरिटी और कलर) का हिस्सा नहीं होता है, लेकिन फिर भी यह उतना ही महत्वपूर्ण है। खासतौर से उन खरीदारों के लिए जो सिर्फ हीरा खरीदते हैं, न कि हीरे की ज्वेलरी। हर हीरा अपने में अद्वितीय होता है, इसलिए उसकी खूबियों को बताता हुआ एक प्रमाणपत्र भी इसके साथ लगा दिया जाता है। यह प्रमाणपत्र हीरे की पहचान, प्रामाणिकता और उसके मूल्य का सबूत होता है। एक तरह से यह सर्टिफिकेट मूल हीरे का ब्लूप्रिंट भी होता है। यह उसके सही आकार, वजन, रंग, कटाई और धब्बे आदि के बारे में पूरी जानकारी देता है। ये सर्टिफिकेट अधिकृत डायमंड प्रयोगशालाएं ही जारी करती हैं। जिन प्रयोगशालाओं पर सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है उनमें जीआईए और एजीएस लैब हैं। इसके अलावा जैमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (जीआईआई) के प्रमाणपत्र भी प्रमाणिक हैं।
सावधान
रहें : हीरा या हीरे की
ज्वेलरी खरीदने से पहले कुछ मामलों में सावधानी बरतना बहुत ही जरूरी है। जैसे हीरा
खरीदने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच करा लेनी चाहिए कि कहीं उसमें कोई दरार तो
नहीं है। कई दरारें तो इतनी मामूली होती हैं कि आंख ने नजर भी नहीं आतीं। कई हीरों
में धब्बों के भीतर बारीक लाइनें देखने को मिलती हैं। ये हीरे की दरारें हो सकती
हैं।
कोहिनूर शब्द सुनते ही हमारे
दिलो-दिमाग में हीरा चमक उठता है। बेशकीमती रत्नों का राजा है कोहिनूर हीरा। तभी
यह दुनिया के महान सम्राटों के ताज में हमेशा से चमकता रहा। पर सम्राट ही क्यों,
अमीर भी अपने कोहिनूर हिरे की तलाश में रहते
है। हीरे, पन्ने से जड़ी
अंगूठियां, हार और दूसरे गहने
पहनने का शौक अनादि काल से हैं। इन दिनों हीरा अमीरों में भी अमीर होने का प्रतीक
बन चुका है। चाहे शादी-ब्याह के मौके हों या फिर सगाई जैसे मौके,
आजकल हीरे जड़ी ज्वेलरी का चलन बढ़ता ही जा रहा है। इसके अलावा कई खास मौकों पर भी जैसे
जन्मदिन, शादी की साल गिरह
आदि पर भी लोग अपनों को इस तरह के कीमती उपहार देते हैं। हीरे की कीमत का अंदाज
लगा पाना मुश्किल ही होता है। क्योंकि इसकी कीमत रुपए के साथ-साथ भावनाओं से भी
जुड़ी होती है। अगर इसकी कीमत की बात करें तो जितने पैसे देकर हम खरीदते हैं उससे
कहीं ज्यादा इसकी कीमत होती है। और अपने जिस प्रियतम को आप हीरे की कोई चीज उपहार
में देते हैं तो उसके लिए तो यह अनमोल हो जाता है। इसलिए कहते हैं कि हीरे की कीमत
को कभी भी आंका नहीं जा सकता । सामान्य
श्रेणी का एक कैरेट का डायमंड इयरिंग सैट जो कुछ समय पहले तक एक लाख रुपए का मिल
रहा था, अब मंदी के बाजार
में 75 हजार रुपए का मिल
रहा है। लेकिन फिर भी ज्यादा खरीदार नहीं हैं। कीमतो में यह कमी रफ डायमंड बेचने
वाली डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (डीटीसी) के रुख पर निर्भर करती है कि वह कब तक रफ
डायमंड के दाम नीचे रखती है। दुनिया में रफ डायमंड का कारोबार करने वाली यह सबसे
बड़ी कंपनी है। रफ डायमंड की आपूर्ति में कमी और हीरे का लोभ ऐसे कारक हैं जो लंबी
अवधि में इनके दाम बढ़ा सकते हैं। हीरे के हिस्से अक्सर हम यह मुहावरा इस्तेमाल
करते हैं हीरे जैसा तराशना। गुरू अपने शिष्यों को हीरे जैसा तराशने की कोशिश करते
हैं। लेकिन असली हीरा वही निकलता है जिसकी तराशी बहुत ही बढ़िया होती है। ठीक यही
बात हीरे के साथ होती है। जो हीरा जितना बढ़िया तराशा गया होता है,
उतनी ही उसकी कीमत ज्यादा होती है। इतिहास के झरोखे में
कोहिनूर को हिनूर दुनिया का सबसे मशहूर हीरा है। कोहिनूर फारसी जुबान का शब्द है।
इसका मतलब होता है आभा या रोशनी का पर्वत। कोहिनूर
हीरा 105 कैरेट (21.6
ग्राम) का हीरा है। यह भारत की गोलकुंडा की खान से निकला
गया था। कोहिनूर
का इतिहास सदियों पुराना है। यह कई मुगल सम्राटों व फारसी शासकों के ताज से होता
हुआ अंत में बिर्टेन की महारानी के ताज तक पहुंचा। कई मशहूर जवाहरातों की तरह ही
कोहिनूर की भी अपनी कथाएं रही हैं। कहते हैं कि कोहिनूर हीरा लगभग पांच हजार साल
पहले मिला था। यह
प्राचीन इतिहास में स्वयमंतक मणि के नाम से जाना जाता रहा। एक अन्य कथा मुताबिक
यह करीब 3200 साल पहले हीरा नदी
की तली में मिला था। ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक यह आँध्रप्रदेश की गोलकुंडा की
खान से निकला था जो दुनिया की सवसे पुरानी हीरा खानों में से एक हैं। सन 1730
तक यह विश्व का एकमात्र हीरा उत्पादक क्षेत्र था। इसके बाद
ब्राजील में हीरों की खोज हुई। कोहिनूर हीरे के बारे में यह भी कहा जाता है कि
कोहिनूर आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में कोल्लर खान से निकला था। सन 1320
दिल्ली में खिलजी वंश का शासन समाप्त होने के बाद
गयासुद्दीन तुगलक ने गद्दी संभाली थी। उसने अपने बेटे उलुघ खान को 1323
में काकातीय वंश के राजा प्रतापरुद्र को हराने भेजा था। इस
हमले को उसे कड़ी टक्कर मिली और वह हार गया। इसेक बाद दोबारा बड़ी सेना लेकर गया
और कई महीने वारंगल में युद्ध किया और जीत गया। इसके बाद जब लूट का माल लेकर लौटा
तो उसमें कोहिनूर हीरा भी था। यहीं से यह हीरा दिल्ली पहुंचा और बाद में मुगल
सम्राट बाबर के हाथ लगा। इस हीरे के बारे में बाबरनामा में लिखा है कि यह हीरा
इतना महंगा है कि इसको बेचने से मिले धनराशी
से पूरे संसार का दो दिनों तक पेट भर सकता है।
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