गर्दन से जानिए दूसरोका स्वभाव
मोटी गर्दन- समुद्र
शास्त्र के अनुसार जिस इंसान की गर्दन मोटी होती है, प्राय: ऐसे
लोगों की नीयत खराब होती है। ऐसे लोग भ्रष्ट चरित्र, व्यसनी, शराबी, दु:स्साहसी, क्रोधी, अहंकारी, उन्मादी तथा अधिक आक्रामक होते हैं। इन पर बिल्कुल भी भरोसा
नहीं किया जा सकता।
सीधी गर्दन- समुद्र
शास्त्र की माने तो जिन लोगों की गर्दन सीधी होती है ऐसे लोग स्वाभिमानी होते हैं।
साथ ही ये लोग समय के पाबंद, वचनबद्ध
एवं सिद्धांतप्रिय होते हैं। इन पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है।
लंबी गर्दन- अगर गर्दन
सामान्य से अधिक बड़ी हो तो ऐसे जातक बातूनी, मंदबुद्धि, अस्थिर, निराश और
चापलूस होता है। यह अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने की आदत से लाचार भी होता है।
छोटी गर्दन- अगर गर्दन
सामान्य आकार से छोटी होती है तो ऐसे जातक कम बोलने वाले, मेहनती, हितसाधक
मगर धूर्त, कंजूस, अविश्वसनीय व घमण्डी होते हैं। ऐसे लोगों का फायदा दूसरे लोग
उठाते हैं मगर इनहे इस बात का पता भी नहीं चलता।
सूखी गर्दन- ऐसी गर्दन
में मांस कम होता है तथा नसें स्पष्ट दिखाई देती हैं। ऐसे जातक सुस्त, कम महत्वाकांक्षी, सदैव रोगी
रहने वाला, आलसी, क्रोधी, विवेकहीन
और हर कार्य में असफल होते हैं। ये सामान्य स्तर के लोग होते हैं और अपने जीवन से
संतुष्ट भी।
ऊंट जैसी गर्दन- ऐसी गर्दन
पतली व ऊंची होती है। ऐसे जातक आमतौर पर सहनशील, अदूरदर्शी
व परिश्रमप्रिय होते हैं। इनमें से कुछ लोग धूर्त भी होते हैं। ये लोग अपना हित
साधने में लगे होते हैं और समय आने पर किसी भी हद तक जा सकते हैं।
आदर्श गर्दन- ऐसी गर्दन
पारदर्शी व सुराहीदार होती है, जो आमतौर
पर महिलाओं में पाई जाती है। ऐसी गर्दन कलाप्रिय, कोमल, ऐश्वर्य और भोग की परिचायक होती है। ऐसे जातक सुख व वैभव का
जीवन जीते हैं।
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